Home आईपीएल वैभव सूर्यवंशी: तपिश में निखरा हुआ हीरा

वैभव सूर्यवंशी: तपिश में निखरा हुआ हीरा

वैभव सूर्यवंशी: vaibhav suryavanshi a diamond polished in the heat
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वैभव सूर्यवंशी: क्रिकेट की दुनिया में जब कोई युवा खिलाड़ी चमकता है, तो उसके पीछे की मेहनत और संघर्ष की कहानी अक्सर अनसुनी रह जाती है। लेकिन राजस्थान रॉयल्स के नए सितारे वैभव सूर्यवंशी की कहानी केवल प्रेरणादायक नहीं, बल्कि अभूतपूर्व भी है। महज़ 13 साल की उम्र में 1.1 करोड़ रुपये में नीलामी में बिकना और फिर 35 गेंदों में शतक जड़ देना, ये सब यूं ही नहीं हो जाता। इसके पीछे है टालेगांव की तपती ज़मीन पर पसीना बहाने वाली एक लम्बी यात्रा।

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टालेगांव: जहां गर्मी नहीं, जज़्बा पसीना बहाता है

नागपुर के पास बसा टालेगांव, भारत के सबसे गर्म इलाकों में से एक है। यहां की गर्मी ऐसी है कि आम क्रिकेट अभ्यास सत्र भी यहां ‘फिटनेस टेस्ट’ बन जाता है। बावजूद इसके, राजस्थान रॉयल्स ने यहीं अपना हाई परफॉर्मेंस सेंटर (HPC) स्थापित किया है।

इस फैसले के पीछे एक खास सोच है, जयपुर जैसी जलवायु में खिलाड़ियों को तैयार करना। 6 एकड़ में फैला यह सेंटर हर मौसम में खिलाड़ियों की परीक्षा लेता है। यहां हर तरह की पिचें हैं, लाल मिट्टी, काली मिट्टी, सीमेंटेड और ग्रेनाइट, ताकि खिलाड़ी हर परिस्थिति से वाकिफ हो सकें।

वैभव सूर्यवंशी: तपिश में निखरा हुआ हीरा

जब सूर्यवंशी को राजस्थान रॉयल्स ने ट्रायल के लिए बुलाया, तो उन्हें अंदाजा नहीं था कि तीन महीने बाद वो एक IPL मैच में 35 गेंदों में सेंचुरी ठोक देंगे। टालेगांव में बिताए तीन महीने ने उनके खेल को नई ऊंचाई दी। उन्हें तेज़ गेंदबाज़ों से खेलने की आदत डाली गई, ड्रैविड़, राठौर और संगरकारा जैसे दिग्गजों ने उनकी तकनीक पर बारीकी से काम किया।

एक दिन में 300 स्वीप शॉट्स की प्रैक्टिस, 100 ओवर की बल्लेबाज़ी, ये सब मामूली नहीं होता। लेकिन सूर्यवंशी ने यह सब किया, और उसी का नतीजा है उनकी मौजूदा विस्फोटक बल्लेबाज़ी।

डेब्यू मैच में 35 गेंदों में शतक, इतिहास रच गया

गुजरात टाइटंस के खिलाफ जब उन्होंने सिर्फ 38 गेंदों में 101 रन ठोके, तो पूरा स्टेडियम और टीवी दर्शक उनकी बल्लेबाज़ी के कायल हो गए। 11 छक्के, कई रैम्प शॉट्स और पुल शॉट्स, यह प्रदर्शन IPL के इतिहास में सबसे बेहतरीन में गिना जा रहा है। शॉन पोलक ने इसे “IPL के इतिहास का सबसे शानदार व्यक्तिगत प्रदर्शन” करार दिया।

कोच की मेहनत और नज़दीकी नजर

राठौर ने मैच के बाद कहा, “हम जानते थे यह लड़का खास है, लेकिन जो उसने किया, वो अविश्वसनीय था।” राहुल द्रविड़, ज़ुबिन भरूचा, कुमार संगकारा सभी ने उसकी तकनीक, मानसिकता और आत्मविश्वास पर काम किया।

सचिन तेंदुलकर भी हुए प्रभावित

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट करके लिखा, “वैभव का fearless एप्रोच, बैट स्पीड और गेंद की लेंथ को जल्दी पढ़ना ये उसकी शानदार पारी की कुंजी थी।”

जहां कई लोग उनकी तुलना सचिन से कर रहे हैं, राठौर ने साफ़ किया “उसे किसी से तुलना करने की ज़रूरत नहीं। वह पहला वैभव सूर्यवंशी है।”

राजस्थान रॉयल्स: युवाओं की पहचान

संजू सैमसन, यशस्वी जायसवाल, रियान पराग, ध्रुव जुरेल, ये सब राजस्थान की प्रतिभा पहचानने की नीति का परिणाम हैं। अब सूर्यवंशी इस लिस्ट में नया चमकता सितारा हैं। वैसे भी राजस्थान रॉयल्स की टीम हमेशा से नई प्रतिभाओं को पहचान दिलाती आई है। नए और टैलेंटेड खिलाड़ियों को इस टीम ने आईपीएल में भरपूर मौका दिया है।

निष्कर्ष

वैभव सूर्यवंशी की कहानी केवल एक बल्लेबाज़ की नहीं है, यह उस सिस्टम की कहानी है जो सही दिशा में कड़ी मेहनत करवा कर भारत को अगला सुपरस्टार देता है। टालेगांव की तपिश में तैयार हुआ यह नगीना आने वाले वर्षों में भारतीय क्रिकेट का अभिन्न हिस्सा बन सकता है, बशर्ते वह अपनी मेहनत और अनुशासन को बरकरार रखे।

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नमस्कार! मैं संतोष झा, बिहार के मधुबनी ज़िले से हूँ। मुझे क्रिकेट, फुटबॉल, और अन्य खेलों के प्रति गहरी लगाव रहा है। मैं ब्लॉगिंग करता हूं। Khelpage.in एक हिंदी स्पोर्ट्स वेबसाइट है, जहाँ आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की ताज़ा ख़बरें, फुटबॉल और हॉकी जैसे खेलों की अपडेट्स, खिलाड़ियों की विस्तृत जीवनी, Dream11 और Fantasy Cricket के लिए टिप्स, हर मैच से पहले पिच रिपोर्ट, प्लेइंग XI इत्यादि की जानकारी दी जाती है।
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